मुस्कराहट की पहचान तुमसे
ही है
ये रंग तुम पर यूं ही सजता
रहे
मुस्कान से सुशोभित
तुम्हारा चेहरा
वर्षो वर्षो तक यूं ही कायम
रहे
हो प्रकाशमय तुम्हारा सारा
जीवन
मेरी दुआ बन सहलाता रहे
प्रेम का दीप सदैव यूं रहे
प्रज्वलित
खुशियों से झोली भरती रहे
अच्छाई और सच्चाई की मूरत
बन
अच्छे लोगो से वास्ता बना
रहे
मेरी उम्र भी तुमको हो जाए नसीब
ख़्वाब ये मेरा फलता फूलता
रहे
मैं इस पल के बाद याद रहूँ
या न रहूँ
दुआ मेरी तुमसे रोज मिलती
रहे
‘प्रतिबिम्ब’ इसके सिवाय दे
भी तो क्या
स्नेह - आदर का नाता बना
रहे
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल २५/२/२०१६
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