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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

अलविदा कहना होगा ....



आज तुझसे बिछुड़ना ही होगा
चाह कर भी नही रोक पाऊंगा तुझे
तेरे संग बिताया हर लम्हा
अब याद बन कर रह जाएगा
खुशी और गम को समेटे हुए
बीते हर पल तेरे ही आगोश में
तुझसे लड़ता रहा केवल अपने लिए
अपने हर सपने को पूरा करने की
बेझिझक फरमाइश तुझसे करता रहा
वक्त जैसा बीता वो मेरा ही नसीब था
तूने दिया या लिया ये अपना याराना था

तेरे मेरे प्यार की आख़री रात
आज शोर शराबे में बीत जायेगी
तेरे मेरे प्यार की कहानी
अब कल से अतीत कहलायेगी
अब न कभी तुझसे मिलना होगा
हाँ यादो में बस आना जाना होगा
चल अब मैं भी तुझसे विदा लेता हूँ
हाँ अब तुम्हे अलविदा कहना होगा ....

- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल

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