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शनिवार, 22 सितंबर 2012

मैं येसा क्यों हूँ .....







मैं येसा इसलिए हूँ ......
क्योंकि जनता की नही मैडम की सुनता हूँ ..... 
मैं येसा ही हूँ ......

गरीबो को बहलाता हूँ .......
अमीरों को सहलाता हूँ ......
मैं येसा ही हूँ ......

आर्थिक नीति का हिमायती हूँ .....
कहने करने मे बहुत किफ़ायती हूँ .....
मैं येसा ही हूँ ......

मुलायम हो माया की सुनता हूँ .......
विपक्ष को चुप रहकर जलाता हूँ ......
मैं येसा ही हूँ ........

राहुल बाबा की कृपा है गद्दी पर हूँ ....
उनके लिए उतरने को तैयार हूँ ......
मैं येसा ही हूँ .....

जनता की हर नफ़्ज़ समझता हूँ ....
विपक्ष की फूट को खूब भुनाता हूँ ......
मैं येसा ही हूँ .....

कोई आवाज़ उठाए उसे दबाता हूँ .....
अपने कारनामो को दूसरे पर डालता हूँ ...
मैं येसा ही हूँ .....

वैसे सवालो पर बहुत कम बोलता हूँ ......
कभी मन हुआ तो जबाब शायरी मे देता हूँ .....
मैं येसा ही हूँ .....

समस्याओ के लिए जादू की छड़ी नही रखता हूँ ......
आंदोलन करने वालो पर डंडा खूब घुमाता हूँ ........
मैं येसा ही हूँ ......

पैसे पेड़ पर नही उगते ये कहता हूँ .....
अपने लोगो की जेब लेकिन खूब भरता हूँ .....  
मैं येसा ही हूँ ......

चलो अब चुनाव की तैयारी मे हूँ ....
ज़रा आपको देने लोलिपॉप की तैयारी करता हूँ ....
मैं येसा ही हूँ .....

-          बड़थ्वाल 

2 टिप्‍पणियां:

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